बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकास बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकास - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- हैरड की तटस्थ तकनीकी प्रगति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सर राय हैरड ने अपनी पुस्तक “Towards a Dynamic Economics' में तटस्थ तकनीकी प्रगति की एक वैकल्पिक परिभाषा प्रस्तुत की है। उनकी परिभाषा पूँजी उत्पाद अनुपात पर आधारित है। उनके अनुसार तकनीकी प्रगति तब तटस्थ होती है जब लाभ की एक स्थिर दर (अथवा ब्याज दर) पर पूँजी उत्पाद अनुपात भी स्थिर हो। इस तरह हैरड की तटस्थ तकनीकी प्रगति के लिए लाभ की दर (7) तथा पूँजी उत्पाद अनुपात (K/Y) दोनों की नियतता वांछनीय होती है।
यदि लाभ की दर तकनीकी प्रगति के पश्चात् यथावत रहती है जबकि पूँजी उत्पाद अनुपात बढ़ जाता है तब तकनीकी प्रगति श्रम बचतकारी होती है। दूसरी ओर यदि एक स्थिर लाभ दर पर तकनीकी प्रगति के कारण पूँजी उत्पाद अनुपात घट जाता है तब तकनीकी प्रगति पूँजी बचतकारी होती है। हैरड़ की तटस्थ तकनीकी प्रगति को निम्न चित्र की सहायता से समझाया जा सकता है-
चित्र में प्रति व्यक्ति पूँजी (b) को क्षैतिज (समान्तर ) अक्ष पर तथा प्रति व्यक्ति उत्पादन (q) को अनुलम्ब अक्ष पर प्रदर्शित किया गया है। OP तकनीकी परिवर्तन से पूर्व का उत्पादन फलन है जबकि OP, तकनीकी परिवर्तन के पश्चात् का उत्पादन फलन है।
उत्पादन फलन OP के बिन्दु A पर पूँजी उत्पाद अनुपात Oki/OY1 है तथा उत्पादन फलन OP1 के बिन्दु B पर Ok2/OY2 है। चूंकि रेखा OL दोनों बिन्दुओं A तथा B में से गुजरती है। इसलिए पूँजी उत्पाद अनुपात इन बिन्दुओं पर समान हैं अर्थात् Oki/OY1 = Ok2/OY2 हैरड की तटस्था के अनुसार तकनीकी प्रगति के पश्चात् लाभ की दर एक स्थिर पूँजी उत्पाद अनुपात के साथ-साथ निश्चित रूप में स्थिर बनी रहनी चाहिए। इसका तात्पर्य है पूँजी की सीमान्त उत्पादकता (या लाभ की दर ) उत्पादन फलन OP तथा OP1 के बिन्दु A तथा B. पर समान होनी चाहिए। पुनः हैरड की तटस्था यह चाहती है कि उत्पादन फलन OP के बिन्दु A तथा उत्पादन फलन OP1 के बिन्दु B के ढलान बिल्कुल बराबर हों। दूसरे शब्दों में इसका अर्थ है कि बिन्द A तथा B पर स्पर्श रेखाएँ निश्चित ही एक-दूसरे के समानान्तर हों। चित्र में A बिन्दु से होकर जाने वाली स्पर्श रेखा MN तथा बिन्दु B से होकर जाने वाली स्पर्श रेखा M'N'समानान्तर हैं। इस प्रकार हैरड-तटस्थ तकनीकी परिवर्तन जैसा कि उत्पादन फलन OP को ऊपर की ओर OP1 पर सरकता हुआ दिखाया गया है, क्रमशः बिन्दु A तथा B पूँजी उत्पादन को रेखा OL के माध्यम से समान दर्शाता है तथा स्पर्श रेखा A तथा B की ढलानों की समानता द्वारा स्थिर लाभ दर को दर्शाता है।
इस तरह हैरड की तटस्थ तकनीकी प्रगति की परिभाषा हिक्स की परिभाषा से अधिक उत्तर है, क्योंकि यह गत्यात्मक स्थिति पर लागू होती है न कि स्थैतिक स्थिति पर, इसमें पूँजी उत्पादन अनुपात सिद्धान का प्रयोग किया गया है जो कि आधुनिक वृद्धि विश्लेषण का अनिवार्य अंग है। पैमाने के स्थिर प्रतिफल मानते हुये, पूँजी उत्पादन अनुपातों में परिवर्तन तकनीकी परिवर्तनों के माध्यम से ही हो सकते हैं।
इसके अतिरिक्त हैरड के तटस्थ तकनीकी परिवर्तन में श्रम का सीधा संदर्भ नहीं है क्योंकि यह पूर्णतः पूँजी तथा उत्पादन के सम्बन्ध पर आधारित है फिर भी पूँजी श्रम अनुपात तथा उत्पादन श्रम अनुपात बिना तकनीकी प्रगति के भी बदल सकते हैं। किन्तु एक स्थिर उत्पादन अनुपात के साथ हैरड तटस्थता तकनीकी प्रगति पूँजी श्रम अनुपात को अपने आप नहीं बदल सकती, यद्यपि हैरड का तटस्थता नवप्रवर्तन सभी प्रकार की मशीनों के बनाने और संचालन में श्रमिकों की उत्पादकता को ठीक उसी अनुपात में बढ़ा सकता है जिसमें कि उन मशीनों का उत्पादन बढ़ता है। अन्य शब्दों में हैरड तटस्थता के अन्तर्गत प्रत्येक मशीन के उत्पादन में वृद्धि उसी अनुपात में होगी जिस अनुपात में प्रति व्यक्ति उत्पादन में बढोत्तरी होती है।
हैरड तटस्थता का दूसरा सम्बन्ध राष्ट्रीय उत्पाद में सघन हिस्सों के वितरण से है। हैरड तटस्थता तकनीकी प्रगति के अन्तर्गत राष्ट्रीय उत्पाद में पूँजी और श्रम दोनों के हिस्से स्थिर होते हैं। यदि लाभ की दर तथा पूँजी उत्पादन अनुपात भी स्थिर हों जैसा कि चित्र (7) में बिन्दु A तथा B पर दर्शाया गया है। हम यह भी कह सकते हंम कि जब श्रम तथा पूँजी एक वस्तु को उत्पादित कर रहे हैं तथा वहाँ हैरड - तटस्थता तकनीकी प्रगति है, तो यह दोनों की मजदूरी तथा लाभ को बढ़ाएगा, जोकि उत्पादन में वृद्धि के अनुपात के अनुसार होगा। इस संदर्भ में स्थिर पूँजी उत्पादन अनुपात की मान्यता यह प्रकट करती है कि पूँजी स्टॉक तथा श्रम शक्ति की एक ही दर से वृद्धि करते हैं, तब पूँजीपतियों की आय उसी गति से बढ़ेगी जिस गति से श्रमिकों की मजदूरी बढ़ती है। यदि तकनीकी उन्नति हैरड के अनुसार पूँजी बचतकारी होगी, तो यह राष्ट्रीय उत्पाद में श्रमिकों के हिस्सों को बढ़ायेगी तथा बचतकारी तकनीकी प्रगति राष्ट्रीय उत्पाद में श्रमिकों के हिस्सों को घटायेगी और पूँजीपतियों के हिस्सों को बढ़ायेगी, ब्याज दर स्थिर होने पर/हैरड की तटस्थता को उत्पादन फलन के रूप में इस प्रकार दर्शाया जा सकता है-
Q = f [ K, A ( t ) L]
यहाँ Q फलन (f) है K तथा A(t) का जिसका अर्थ है कि दिये हुए पैमाने के स्थिर प्रतिफलों पर पूँजी (K) तथा प्रभावी श्रम इकाइयों [A (t) L] में समानुपातिक वृद्धि राष्ट्रीय उत्पाद (Q) में समानुपातिक वृद्धि अवश्य लायेगी, ब्याज की दर के स्थिर होने पर सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था में श्रम की कार्यकुशलता बढ़ती है। जनसंख्या की वृद्धि के साथ काम में लगे हुये व्यक्तियों में वृद्धि होती है, हैरड-तटस्थ तकनीकी उन्नति द्वारा प्रत्येक व्यक्ति जो कार्य कर सकता है उसकी मात्रा बढ़ती है। इसका परिणाम यह होता है कि जनसंख्या की वृद्धि तथा हैरड-तटस्थ तकनीकी उन्नति दोनों के द्वारा GNP एक दी गई दर पर बढ़ती है। अन्तर केवल इतना है कि हैरड-तटस्थ तकनीकी उन्नति के साथ प्रति व्यक्ति आय (प्रति व्यक्ति वास्तविक मजदूरी) बढ़ती है, किन्तु जनसंख्या वृद्धि के साथ वह (आय) वही रहती है जैसा कि जान राबिन्सन तथा उजावा ने अपनी परिभाषा में कहा है कि हैरड-तटस्थ तकनीकी प्रगति आय को उसी दर पर बढ़ाती है चाहे पूँजी- उत्पाद अनुपात का स्थिर कुछ भी (स्थिर) हो। यह वह दर है जो तकनीकी प्रगति को मापती है। हैरड तटस्थता की इस व्यवस्थापना को 'शुद्ध श्रम वृद्धि कारक तकनीकी प्रगति' कहा गया है। सोलो ने यह प्रकट किया है कि हैरड-तटस्थता पूँजी वृद्धि कारक तकनीकी प्रगति है, जिसका उत्पादन फलन है-
Q = f[A(t) K, L] यहाँ A(t) तकनीकी प्रगति का सूचकांक है जिसे L की बजाय K से पहले स्थापित किया गया है जो कि श्रम वृद्धि कारक फलन के समान नहीं है।
अर्थशास्त्रियों ने राबिन्सन के विश्लेषण के आधार पर यह प्रकट किया है कि तकनीकी प्रगति हिक्स- तटस्थता और हैरड-तटस्थता दोनों ही हैं। यदि पूँजी तथा श्रम के बीच प्रतिस्थापन की लोच इकाई है तथा आय वितरण में कोई परिवर्तन नहीं है। हिक्स के दृष्टिकोण में यदि दी गयी श्रम शक्ति से पूँजी अपरिवर्तित रहती है तथा आय का वितरण वही रहता है वह तटस्थ तकनीकी परिवर्तन है। यह हैरड-तटस्थ है यदि दी गयी श्रम शक्ति के साथ पूँजी उसी अनुपात में बढ़ती है जिस अनुपात में राष्ट्रीय उत्पाद तथा आय का वितरण वही रहता है।
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- प्रश्न- आर्थिक विकास का आशय तथा परिभाषा कीजिए। आर्थिक विकास की प्रकृति व महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की प्रकृति बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं आर्थिक वृद्धि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले कारको की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- आर्थिक विकास को निर्धारित करने वाले आर्थिक तत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास के अनार्थिक तत्वों को समझाइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास पर मानवीय संसाधन के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में बाधक हैं?
- प्रश्न- बढ़ती हुई जनसंख्या का आर्थिक विकास पर प्रभाव बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास के मापक बताइये।
- प्रश्न- आर्थिक विकास में संस्थाओं की भूमिका समझाइए।
- प्रश्न- किसी देश के आर्थिक विकास में विदेशी पूँजी की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक संवृद्धि की गैर-आर्थिक बाधाएँ कौन-कौन सी हैं?
- प्रश्न- आर्थिक पिछड़ापन आर्थिक तथा अनार्थिक कारकों का परिणाम है। इस कथन का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं विकास अन्तराल की माप किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- गरीबी अथवा निर्धनता के अर्थ को स्पष्ट कीजिए, भारत में गरीबी के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकसित एवं विकासशील देशों की आय एवं सम्पत्ति असमानता में अन्तराल के कारणों का स्पष्ट विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- मानव विकास सूचकांक की धारणा किन मान्यताओं पर आधारित है, तथा मानव विकास सूचकांक निर्माण करने के चरणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- गरीबी रेखा के निर्धारण का क्या महत्त्व है? तथा भारत में गरीबी रेखा के निर्धारण हेतु सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- प्रसरण प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सापेक्ष गरीबी बनाम निरपेक्ष गरीबी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मानव विकास सूचकांक (HDI) क्या है? यह मानव विकास में कितने आयामों को मानता है?
- प्रश्न- भौतिक जीवन कोटि निर्देशांक किसने निर्मित किया? भौतिक जीवन कोटि निर्देशांक किन सूचकों द्वारा की जाती है?
- प्रश्न- "कोई देश इसलिए गरीब रहता है क्योंकि वह गरीब है। " स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्धनता के दुष्चक्र को तोड़ने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- गिनी गुणांक क्या है? गिनी गुणांक कैसे मापा जाता है?
- प्रश्न- गिनी गुणांक का महत्व क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- लॉरेंज वक्र क्या है?
- प्रश्न- वैश्विक भूख सूचकांक क्या है?
- प्रश्न- लिंग सम्बन्धित विकास सूचक क्या है?
- प्रश्न- मानव निर्धनता सूचक क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खुशहाली सूचकांक क्या है?
- प्रश्न- सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य (MDG) की महत्वपूर्ण विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सतत् विकास की अवधारणा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्थर लुइस द्वारा प्रस्तुत असीमित श्रम आपूर्ति द्वारा आर्थिक विकास के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- प्रबल प्रयास सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- नैल्सन का निम्नस्तरीय संतुलन अवरोध का सिद्धान्त की चित्रात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए तथा विकासशील देशों के सन्दर्भ में इसकी सीमाएं बताइए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के विपक्ष में विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा दिये गये तर्कों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- असंतुलित विकास को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- असंतुलित विकास के सम्बन्ध में विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा परिलक्षित किये गये विचारों को प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित तथा असंतुलित विकास पद्धति में कौन बेहतर है?
- प्रश्न- हर्षमैन के असन्तुलित विकास सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए तथा विकासशील देशों के लिए इसकी उपयुक्तता का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित एवं असंतुलित विकास की व्याख्या कीजिए। भारत जैसे विकासशील देश के लिए किस प्रकार का विकास अपेक्षित है?
- प्रश्न- असंतुलित विकास सिद्धान्त को समझाइये |
- प्रश्न- सन्तुलित विकास के सम्बन्ध में रोजेन्स्टीन रोडान के विचार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- हर्षमैन द्वारा संतुलित विकास के विचार की किस प्रकार आलोचना की गयी है?
- प्रश्न- रोस्टोव की आर्थिक विकास की अवस्थाओं का वर्णन एवं आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- हैरोड तथा डोमर के विकास मॉडल की आलोचनात्मक व्याख्या करते हुए बताइए कि भारत जैसे अल्पविकसित देश में यह कहाँ तक लागू किया जा सकता है?
- प्रश्न- हैरोड द्वारा प्रस्तुत विकास दरों व समीकरण बताइए।
- प्रश्न- हैरोड के विकास मॉडल की आलोचनायें बताइए।
- प्रश्न- हैरोड का विकास मॉडल डोमर के विकास मॉडल से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- हैरोड के विकास प्रारूप का संक्षेप में परीक्षण कीजिए। भारत जैसे विकासशील देशों में यह कहाँ तक लागू होता है?
- प्रश्न- हैरोड - डोमर मॉडल में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यष्टि स्तर पर नियोजन समझाइए।
- प्रश्न- हैरोड - डोमर मॉडल में छुरी-धार सन्तुलन की परिकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत के जनसंख्या वृद्धि की बदलती हुई विशेषताओं पर एक नोट लिखिए।
- प्रश्न- जनांकिकी से क्या अभिप्राय है? जनांकिकी संक्रमण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या एवं पर्यावरण किस प्रकार एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं तथा आर्थिक विकास को कैसे प्रभावित करते हैं? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- "जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में सहायक है अथवा बाधक।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या का आर्थिक विकास पर तथा आर्थिक विकास का जनसंख्या पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण क्या है? इसके कार्यों को स्पष्ट कीजिए?
- प्रश्न- जनसंख्या नीति 2000 की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- समावेशी विकास की आवधारणा या महत्व क्या है?
- प्रश्न- समावेशी विकास के समक्ष चुनौतियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- समावेशी विकास की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बाजार विफलता का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं बाजार विफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- सरकार की विफलता के कारण बताइए।
- प्रश्न- बाजार विफलता को ठीक करने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- सरकार की विफलता का अर्थ क्या है तथा इसके क्या कारण हैं?
- प्रश्न- सरकार की विफलता का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- मानव पूँजी क्या है? आर्थिक विकास में मानवीय पूँजी निर्माण की भूमिका एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "जनसंख्या राष्ट्र के लिये सम्पत्ति है और दायित्व भी।" इस कथन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण का क्या अर्थ है तथा मानवीय संसाधनों के विकास में क्या महत्व है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मानवीय साधनों में विनियोग कितने मदों में किया जाता है? स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण के क्या-क्या मापदण्ड हैं? तथा इसके मापदण्डों का मूल्यांकन कीजिए।
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- प्रश्न- विकसित एवं विकासशील अर्थव्यवस्था के मध्य अन्तर स्पष्ट करते हुए आर्थिक विकास के सूचकांकों पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- अल्पविकसित अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें लिखिये।
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- प्रश्न- प्रो. हिणिन्स द्वारा प्रतिपादित औद्योगिक द्वैतवाद सिद्धान्त की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- बोइके का सामाजिक दुहरापन सिद्धान्त समझाइये।
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